बिहार की सियासत में फिर बढ़ा रोमांच Bihar Chunav 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और अब पूरे राज्य में माहौल चुनावी हो चुका है।
मुख्य मुकाबला एक बार फिर दो चेहरों के बीच है —
👉 नीतीश कुमार (NDA) बनाम तेजस्वी यादव (महागठबंधन)।
दोनों नेता लगातार रैलियों और सोशल मीडिया कैंपेन में जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने में जुटे हैं।
चुनाव कार्यक्रम और सीटों का विवरण
- कुल सीटें: 243
- पहला चरण मतदान: 6 नवंबर 2025
- दूसरा चरण मतदान: 11 नवंबर 2025
- मतगणना: 14 नवंबर 2025
चुनाव दो चरणों में होंगे और दोनों गठबंधनों ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट लगभग फाइनल कर ली है।
NDA (BJP + JDU) का समीकरण
NDA गठबंधन इस बार “विकास और स्थिरता” के एजेंडे पर चुनाव मैदान में है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्थिर प्रशासन और विकास योजनाओं का चेहरा बनाकर प्रचार चलाया जा रहा है।
NDA सीट बंटवारा (संभावित):
- BJP – 101 सीटें
- JDU – 101 सीटें
- LJP (RV) – 29 सीटें
- HAM और RLM को सीमित सीटें
BJP इस बार युवाओं और पहली बार वोट डालने वालों पर खास फोकस कर रही है।
महागठबंधन (INDIA Bloc) का प्लान
RJD + Congress + Left Parties मिलकर NDA को कड़ी टक्कर देने की रणनीति बना रहे हैं।
तेजस्वी यादव बेरोजगारी, शिक्षा और सरकारी नौकरियों को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना चुके हैं।
Congress ने अब तक 45 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जबकि RJD की पहली लिस्ट में 60 से ज्यादा नाम हैं।
महागठबंधन ने “हर परिवार को रोजगार” का वादा दोहराया है।
कौन आगे – कौन पीछे?
हाल के कई सर्वे और रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकाबला 50-50 के आसपास है।
| सर्वे एजेंसी | NDA का अनुमान | महागठबंधन का अनुमान |
|---|---|---|
| NewsX Survey | 121-125 सीटें | 115-120 सीटें |
| Janmat Poll | 118 सीटें | 122 सीटें |
| Bihar Pulse | NDA 52% | Mahagathbandhan 48% |
मतलब साफ है — मुकाबला कांटे का है, और नतीजा बहुत हद तक युवाओं और महिलाओं के वोट पर निर्भर करेगा।
इस बार के बड़े चुनावी मुद्दे
- बेरोजगारी और सरकारी नौकरियाँ – तेजस्वी यादव का सबसे बड़ा हथियार
- महंगाई और भ्रष्टाचार – विपक्ष का NDA पर हमला
- विकास और स्थिरता – NDA की ताकत
- जातीय समीकरण – अभी भी बिहार चुनाव की दिशा तय करने वाला फैक्टर
नेताओं के बयान
नीतीश कुमार:
“हमने बिहार को पिछड़ेपन से निकालकर विकास की राह पर लाया है, और अब इसे रुकने नहीं देंगे।”
तेजस्वी यादव:
“युवाओं को नौकरी नहीं, सिर्फ झूठे वादे मिले। इस बार जनता हिसाब लेगी।”
किस क्षेत्र में कौन मजबूत?
| क्षेत्र | NDA की स्थिति | महागठबंधन की स्थिति |
|---|---|---|
| उत्तर बिहार | मजबूत | मध्यम |
| मगध | बराबर टक्कर | बराबर टक्कर |
| सीमांचल | कमजोर | मजबूत |
| मध्य बिहार | NDA बढ़त पर | कमजोर |
| दक्षिण बिहार | कांटे की टक्कर | कांटे की टक्कर |
जनता का मूड क्या कहता है?
ग्राउंड रिपोर्ट्स के अनुसार,
- शहरी इलाकों में NDA को बढ़त है।
- जबकि ग्रामीण और युवा वर्ग में तेजस्वी यादव को अच्छा समर्थन मिल रहा है।
कुल मिलाकर बिहार में इस बार मुकाबला दिलचस्प और बेहद नज़दीकी नजर आ रहा है।
2025 का बिहार चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि दो पीढ़ियों की सोच का टकराव है।
एक तरफ नीतीश कुमार का अनुभव और प्रशासनिक स्थिरता है,
दूसरी तरफ तेजस्वी यादव की युवा ऊर्जा और बदलाव का वादा।
14 नवंबर को जब नतीजे आएंगे, तभी तय होगा कि “बिहार में विकास रहेगा या बदलाव आएगा?”
महागठबंधन में अभी भी उलझन
महागठबंधन (INDIA Alliance) में अब भी सीट बंटवारे पर मतभेद जारी हैं।
- RJD और Congress के बीच बातचीत जारी है।
- Congress ने अब तक 48 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है।
- CPI-ML को लगभग 20 सीटें और VIP को 15 सीटें मिलने की संभावना है।
तेजस्वी यादव लगातार रैलियाँ कर रहे हैं और बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं।
नए दलों की एंट्री से बढ़ी टक्कर
इस बार बिहार की राजनीति में Jan Suraaj Party (प्रशांत किशोर) और Janshakti Janta Dal (तेज प्रताप यादव) जैसे नए दलों ने भी मैदान में उतरने का ऐलान किया है।
इन दोनों पार्टियों की वजह से पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगने की संभावना है।
किसके पास बढ़त?
| गठबंधन | स्थिति | मुख्य दल |
|---|---|---|
| NDA | मजबूत संगठन और तय रणनीति | BJP, JD(U), LJP |
| महागठबंधन | आंतरिक मतभेद, लेकिन जनसमर्थन मजबूत | RJD, Congress, Left |
| तीसरा मोर्चा | सीमित असर, लेकिन कुछ सीटों पर प्रभावी | Jan Suraaj, AIMIM |
चुनावी मुद्दे
- बेरोजगारी और शिक्षा: युवाओं के बीच रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है।
- महंगाई और भ्रष्टाचार: विपक्ष इन पर सरकार को घेरने की कोशिश में है।
- विकास और स्थिरता: NDA “विकास का मॉडल” पेश कर रही है।
नतीजे क्या संकेत दे रहे हैं?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मुकाबला कड़ा होगा। NDA की ओर से नीतीश कुमार अनुभव और स्थिरता का चेहरा हैं, जबकि महागठबंधन में तेजस्वी यादव युवा नेतृत्व का प्रतीक बनकर उभर रहे हैं।
अगर कांग्रेस और RJD तालमेल बना लेते हैं, तो परिणाम रोमांचक हो सकता है।
बिहार चुनाव 2025 सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य की दिशा तय करने वाला चुनाव होगा।
हर सीट का समीकरण अलग कहानी कह रहा है — और मतदाताओं के फैसले पर ही तय होगा कि “किसकी बनेगी सरकार?”